कोर्स 03 - गतिविधि 2 - अपनी समझ साझा करे

 हमारे दैनिक जीवन में व्यक्तिगत-सामाजिक गुणों की क्या भूमिका है? क्या वे सीखने में मदद करते हैं? क्या माध्यमिक स्तर के शिक्षार्थियों में व्यक्तिगत-सामाजिक गुणों के विकास और अभ्यास में शिक्षक भूमिका निभाते हैं? अपनी समझ साझा करें।


Comments

  1. हमारे दैनिक जीवन मे व्यक्तिगत-सामाजिक गुणों की

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    1. व्यक्तिगत और सामाजिक गुणों से व्यक्ति का चारित्रिक विकास होता है. शिक्षक के सानिध्य में आने से इन गुणों में आंशिक परिवर्तन संभव है लेकिन विद्यार्थी जिस समाज में और जितना ज्यादा समय तक रहता है उसका प्रभाव ज्यादा रहता है.

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    2. हमारे दैनिक जीवन में व्यक्तिगत एवं सामाजिक गुणो की विशेषताएं है, इनसे हमारा विकास होता है ,ये हमारे सीखने में सहायता करते है, एवं माध्यमिक स्तर के शिक्षार्थियों में व्यक्तिगत सामाजिक विशेषताओं का महत्वपूर्ण स्थान है ।इनसे बच्चों को सीखने में सहायता प्राप्त होती है।

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    3. develop through inter disciplinary approach . it create strong relationship .social development is essential and integrated part of teaching learning

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    4. evelop through inter disciplinary approach . it create strong relationship .social development is essential and integrated part of teaching learning

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  2. व्यक्तिगत और सामाजिक गुणों से हमे बहुत कुछ सीखने को मिलता है।
    माध्यमिक स्तर के शिक्षार्थियों को पढ़ाने में शिक्षक बहुत ही अहम भूमिका निभाते है

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  3. हमारे दैनिक जीवन में सामाजिक गुणों की भूमिका है क्योंकि वह हमें बहुत कुछ सीखने के लिए प्रेरित करते हैं और माध्यमिक स्तर तक के विद्यार्थियों में तो यह अत्यंत ही आवश्यक हैं जो व्यक्ति का सामाजिक गुणों के विकास और अभ्यास में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

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  4. हमारे दैनिक जीवन में व्यक्तिगत-सामाजिक गुणों की महत्वपूर्ण भूमिका है , क्योंकि इन गुणों के विकास से व्यक्ति समाज के प्रति सहृदयी एवं संवेदनशील बन पाता है l हाँ , कुछ स्तर तक माध्यमिक स्तर के शिक्षार्थियों में व्यक्तिगत-सामाजिक गुणों के विकास और अभ्यास में शिक्षक भूमिका निभाते हैं , क्योकि जब भी विद्यार्थी किन्हीं परिस्थितियों के कारण अपने परिवार अथवा कक्षा में सहपाठियों के साथ स्वयं को असहज महसूस करता है तो वह विद्यार्थी इस समय शिक्षक से सहायता प्राप्त करने की उम्मीद करता है l

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  5. हमारे दैनिक जीवन में व्यक्तिगत एवं सामाजिक गुणों का अत्यंत महत्व हैं|

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  6. प्रत्येक व्यक्ति में कुछ विशेष गुण या विशेषताएं होती है। जो दूसरे व्यक्ति में नहीं होतीं। इन्हीं गुणों एवं विशेषताओं के कारण ही प्रत्येक व्यक्ति एक दूसरे से भिन्न होता है। व्यक्ति के इन गुणों का समुच्चय ही व्यक्ति का व्यक्तित्व कहलाता है। व्यक्तित्व एक स्थिर अवस्था न होकर एक गत्यात्मक समष्टि है। जिस पर परिवेश का प्रभाव पड़ता है और इसी कारण से उसमें बदलाव आ सकता है। व्यक्ति के आचार-विचार, व्यवहार, क्रियाएं और गतिविधियों में व्यक्ति का व्यक्तित्व झलकता है। व्यक्ति का समस्त व्यवहार उसके वातावरण या परिवेश में समायोजन करने के लिए होता है।

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  7. हाँ , यह एक अद्भुत सत्य है कि प्रत्येक व्यक्ति अपने व्यक्तिगत एवं सामाजिक गुणों के कारण ही दूसरों से भिन्न है| ये गुण ही व्यक्ति को हमेशा सीखने एवं अग्रगामी होने के लिए परारित प्रेरित करते हैँ |

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  8. व्यक्ति एक सामाजिक प्राणी है वह जो कुछ सीखता है समाज में रहकर ही सीखता है सुसंस्कृत प्राणी के संपर्क में आकर के व्यक्ति अपने व्यक्तित्व और सामाजिक कौशलों को विकसित कर पाता है l

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  9. छात्र के व्यक्तिगत गुणों के विकास में शिक्षक की भी भूमिका हो सकती है। वह शिक्षक के व्यक्तिगत सकारात्मक गुणों, सकारात्मक सामाजिक जीवन चर्या आदि के आधार पर अनुकरण कर सकता है । इसमें शिक्षक सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ छात्र का मनोबल बढ़ाने हेतु प्रोत्साहन दे सकता है।

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  10. its very great opportunity to learn new thinngs with technology, as far as new generation is concerned we are more connected to them by using latest apps n gadgets during teaching learning process even they helped us to learn many new features of mobile phone.

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  11. प्रत्येक व्यक्ति में कुछ विशेष गुण या विशेषताएं होती है। जो दूसरे व्यक्ति में नहीं होतीं। इन्हीं गुणों एवं विशेषताओं के कारण ही प्रत्येक व्यक्ति एक दूसरे से भिन्न होता है। व्यक्ति के इन गुणों का समुच्चय ही व्यक्ति का व्यक्तित्व कहलाता है। व्यक्तित्व एक स्थिर अवस्था न होकर एक गत्यात्मक समष्टि है। जिस पर परिवेश का प्रभाव पड़ता है और इसी कारण से उसमें बदलाव आ सकता है। व्यक्ति के आचार-विचार, व्यवहार, क्रियाएं और गतिविधियों में व्यक्ति का व्यक्तित्व झलकता है। व्यक्ति का समस्त व्यवहार उसके वातावरण या परिवेश में समायोजन करने के लिए होता है

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  12. हमारे दैनिक जीवन में व्यक्तिगत-सामाजिक गुणों की अहम भूमिका है
    व्यक्तिगत सामाजिक गुण बहुत कुछ सीखने में हमारी मदद करते हैं क्योंकि इन गुणों के विकास से व्यक्ति समाज के प्रति सहृदयी एवं संवेदनशील बन पाता है l हाँ , कुछ स्तर तक माध्यमिक स्तर के शिक्षार्थियों में व्यक्तिगत-सामाजिक गुणों के विकास और अभ्यास में शिक्षक भूमिका निभाते हैं , क्योकि जब भी विद्यार्थी किन्हीं परिस्थितियों के कारण अपने परिवार अथवा कक्षा में सहपाठियों के साथ स्वयं को असहज महसूस करता है तो वह विद्यार्थी इस समय शिक्षक से सहायता प्राप्त करने की उम्मीद करता है l

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  13. मनुष्य एक सामाजिक प्राणी हैl समाज में रहकर ही वह अच्छी और बुरी चीज़े सीखता हैl माध्यमिक स्तर के विद्यार्थियों में व्यक्तिगत-सामाजिक गुणों के विकास में शिक्षक की अहम् भूमिका है क्योंकि किन्ही परिस्तिथियों के कारण विद्यार्थी अपने परिवार, कक्षा के दोस्तों के साथ अपने को अकेला महसूस करते है तो शिक्षक ही उनकी सहायता करते हैl Covid के समय में विद्यार्थी अपने दोस्तों से अलग होने के कारण अपने को समाज से अलग महसूस करने लगेl इस समय शिक्षक ही उन्हें सहृदय एवं संवेदनशील ढंग से उनके समस्या का समाधान कियेl इस प्रकार हम कह सकते है कि विद्यार्थी के जीवन में व्यक्तिगत-सामाजिक गुणों की भूमिका अहम् हैl

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  14. हमारे दैनिक जीवन में व्यक्तिगत-सामाजिक गुणों की मत्त्व्पूर्ण भूमिका होती है क्योंकि हम सामाजिक प्राणी हैं और व्यक्तिगत-सामाजिक गुणों के विकास से व्यक्ति दया, संवेदनशीलता, सेवा, सहनशीलता जैसे गुणों को आत्मसात करता है, उसमें सहृदयता आती है और वह दूसरों के विचारों का सम्मान करता है | किशोरावस्था में विद्यार्थी अनेक प्रकार की शारीरिक व मानसिक चुनौतियों का सामना करता है, इस समय शिक्षक उसका मार्गदर्शन कर उसकी ऊर्जा को रचनात्मक दिशा दे सकते हैं, जबकि सही मार्गदर्शन के अभाव में विद्यार्थी गुमराह हो सकते हैं | शिक्षक की सहजता व संवेदनशीलता विद्यार्थी में इन गुणों का अप्रत्यक्ष रूप से बीजवपन करती है |

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  15. हमारे दैनिक जीवन में व्यक्तिगत -सामाजिक गुणों की महत्वपूर्ण भूमिका है इससे विद्यार्थी संवेदनशील तथा दूसरों का सम्मान करना सीखते हैं। जी हां ,ये सीखने में मदद करते हैं। माध्यमिक स्तर के शिक्षार्थियों में व्यक्तिगत- सामाजिक गुणों के विकास और अभ्यास में शिक्षक अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

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  16. किसी भी विषय को समझने के लिए विद्यार्थियों को मानसिक रूप से तेयार रहना आव्यसक है और अपनी भावनाओ को भी संतुलित रखना आव्यसक है

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  17. हमारे दैनिक जीवन में व्यक्तिगत-सामाजिक गुणों की मत्त्व्पूर्ण भूमिका होती है क्योंकि हम सामाजिक प्राणी हैं और व्यक्तिगत-सामाजिक गुणों के विकास से व्यक्ति दया, संवेदनशीलता, सेवा, सहनशीलता जैसे गुणों को आत्मसात करता है, उसमें सहृदयता आती है और वह दूसरों के विचारों का सम्मान करता है |

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  18. प्रत्येक व्यक्ति कोई ना कोई विशिष्ट गुण लिए हुए होता है। समाज में जब हम एक दूसरे के संपर्क में आते हैं तो हम एक दूसरे के गुणों, एक दोनों दूसरे की विशेषताओं से प्रभावित होते हैं और उनसे बहुत कुछ सीखते हैं ।माध्यमिक स्तर पर एक शिक्षक के व्यक्तिगत सामाजिक गुणों से छात्र पूरी तरह से प्रभावित होते हैं । प्रत्येक छात्र का कोई ना कोई आदर्श शिक्षक होता है जिसका वह अनुसरण करते हैं, उसके गुणों को आत्मसात करते है।

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  19. प्रत्येक व्यक्ति के अपने अपने व्यक्तिगत सामाजिक गुण होते है जो की उसे उसके परिवार और सामाजिक परिस्थितियों से मिलते है और आगे उसी से उसके चरित्र का निर्माण होता है।
    विद्यालय एक व्यक्ति के व्यक्तिगत सामाजिक गुणों को विकसित करने में मदद करता है। विद्यालय में छात्र भिन्न भिन्न परिवार से आय बालकों से मिलता से और कुछ न कुछ अर्जित करता है।

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  20. IT IS THE NEED OF THE HOUR TO LISTEN ONE, RESPECT ONE'S EXPERIENCE AND THOUGHT TO UNITE THE COUNTRY AND AT THE SAME TIME IT IS THE RESPOSIBILITY ON OUR SOULDER TO GUIDE OUR SOCIETY A PATH WHICH ACCEPTS THE DIGNITY OF MANKIND ,NATIONAL VALUES AND SELF RESPECT, I AM NOT LAND,BUILDING,OFFICE POWER,BEAUTY OR YOUTH,I AM NOT THE MORTAL BODY, I AM THE AGELESS,IMMORTAL,IMPERISHABLE,RADIANT AND LUMINOUS SOUL ,IF WE FEEL LIKE THEN WE WILL REALLY RESPECT OTHERS.......................

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  21. INCLUDING ABOVE UNKNOWN COMMENT BY THIS KNOWN ONE ,PL +THE HARM OF THE COUNTRY IS DONE LESS BY THE WICKEDNESS OF THE WICKED , MORE BY THE INDIFFERENCE OF GOOD PERSONS.THEREFORE BREAK THE SILENCE NOW ! WAKE UP YOURSELF ! AND WAKE UP THE COUNTRY! AND COME FORWARD TO VANQUISH THE DEMONIAC FORCES IN THE COUNTRY USING YOUR OWN SOCIO-PERSONNEL SKILL................

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  22. Personal social qualities are important for all round development of a person. We learn all the things by interaction in society/peers and feel comfortable by sharing our views, thoughts,feelings,emotions. We provide opportunity to students via various planned activities in vidyalaya during teaching learning process ,for their all round development in all fields.

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  23. व्यक्ति के व्यक्तित्व विकास में वैयक्तिक - सामाजिक गुणों की महती भूमिका है क्योंकि जहा सामाजिक गुणों के माध्यम से वह समाज से संवाद कायम कर सकता है और बहुत कुछ सीख सकता है और अपने व्यक्तित्व का विकास कर सकता है

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  24. व्यक्तिगत आकर सामाजिक गुण व्यक्ति के आचार व्यवहार चिन्तन को जन्मदिन दर्शाते हैं हैं ।

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  25. वैयक्तिक और सामाजिक कौशल का विकास किशोरावस्था में तेजी से होता है । इस उम्र के बच्चे अधिक तार्किक, अपनी सोच स्थापित करने का प्रयास करने की कोशिश करते हैं । अध्यापक घर के बाहर का पहला व्यक्ति होता है जिससे बच्चे प्रभावित होते हैं। अतः एक कुशल एवं औऱ प्रभावी शिक्षक बच्चों की सोच को प्रभावित का सकता है।

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  26. दैनिक जीवन में व्यक्तिगत-सामाजिक गुणों की मत्त्व्पूर्ण भूमिका होती है क्योंकि हम सामाजिक प्राणी हैं और व्यक्तिगत-सामाजिक गुणों के विकास से व्यक्ति दया, संवेदनशीलता, सेवा, सहनशीलता जैसे गुणों को आत्मसात करता है, उसमें सहृदयता आती है और वह दूसरों के विचारों का सम्मान करता है |

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  27. They play a vital role in the life of a teacher so that he can maintain a good relation in society and school environment

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  28. they play a vital role in our life as a teacher take help to maintain good relation in society and school life GOVIND SONGARA PGT HINDI JNV DARRANG.

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  29. हमारे दैनिक जीवन में व्यक्तिगत - समाजिक गुणों का महत्व इस बात में है की मनुष्य समाज में रहकर ही अपना विकास कर सकता है । माध्यमिक स्तर के विद्यार्थियों में व्यक्तिगत - समाजिक गुणों का विकास करने में शिक्षक एक सहायक व मार्गदर्शक के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

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  30. Personal-social qualities have an important role in our daily life, we learn many things from different persons these qualities make a person sensitive towards the society.
    A teacher plays an important role in development of these qualities of their students.
    Teachers play a guiding role by helping them to discover and identify themselves (their strengths, interests, values, attitudes, resources, etc.) which help them define their identity.

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  31. व्यक्तिगत और सामाजिक गुण सीखने की प्रक्रिया को प्रभावित करते हैं... माध्यमिक स्तर के विद्यार्थियों पर भी इसका प्रभाव पड़ता है...

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  32. हर छात्र व शिक्षक के जीवन में व्यक्तिगत - समाजिक गुणों का विशेष महत्व है हर छात्र शिक्षक को एक नायक की तरह देखता तथा अनुसरण करता है माध्यमिक स्तर के विद्यार्थियों में व्यक्तिगत - समाजिक गुणों का विकास करने में शिक्षक एक सहायक व मार्गदर्शक के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

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  33. अध्यापक के अध्ययन से अधिक उसकी व्यव्हार आद्तो और समजिक चाल चलन से ज्यादा सिखते है युवाव्सथा में विद्यार्थी अनेक प्रकार की शारीरिक व मानसिक चुनौतियों का सामना करता है, इस समय शिक्षक उसका मार्गदर्शन कर उसकी ऊर्जा को रचनात्मक दिशा दे सकते हैं, जबकि सही मार्गदर्शन के अभाव में विद्यार्थी गुमराह हो सकते हैं

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  34. Education in reality brings modification in the personality of the learners. Hence the role of the teacher in this regard is very important.

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  35. व्यक्तिगत और सामाजिक गुण व्यक्ति को सामाजिक बनाने मे एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है । बालक जैसे सामाजिक गुण सिखाता है वैसा उसका व्यवहार होता है । व्यक्तिगत व सामाजिक गुण को सिखाने मे शिक्षको का महत्वपूर्ण योगदान होता है ।

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  36. प्रत्येक व्यक्ति में सामाजिक एवं वैयक्तिक विभिन्नताएं पाई जाती हैं. ये विभिन्नताएं मिलकर ही उसके व्यक्तित्व का निर्माण करती हैं. वैयक्तिक गुणों के आधार पर शिक्षक छात्रों का मार्गदर्शन करे.

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  37. व्यक्तिगत और सामाजिक गुण मिलकर एक संपूर्ण व्यक्तित्व का निर्माण करते हैं। अनेक व्यक्तित्व मिलकर सुंदर समाज का निर्माण करते हैं । जिसप्रकार गुलदस्ते में अनेक रंग और खुशबू के फूल होते हैं उसी प्रकार कक्षा में भी विभिन्न व्यक्तित्व वाले शिक्षार्थी होते हैं।

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  38. व्यक्तिगत और सामाजिक गुणों से व्यक्ति का चारित्रिक विकास होता है. शिक्षक के सानिध्य में आने से इन गुणों में आंशिक परिवर्तन संभव है लेकिन विद्यार्थी जिस समाज में और जितना ज्यादा समय तक रहता है उसका प्रभाव ज्यादा रहता है.

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  39. व्यक्तिगत सामाजिक गुण में विकास आवश्यक है। छात्र के व्यक्तिगत गुणों के विकास में शिक्षक की भी भूमिका हो सकती है। वह शिक्षक के व्यक्तिगत सकारात्मक गुणों, सकारात्मक सामाजिक जीवन चर्या आदि के आधार पर अनुकरण कर सकता है । इसमें शिक्षक सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ छात्र का मनोबल बढ़ाने हेतु प्रोत्साहन दे सकता है।

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  40. व्यक्तिगत और सामाजिक गुणों से व्यक्ति का चारित्रिक विकास होता है लेकिन विद्यार्थियों के जीवन में विद्यालय, शिक्षक परिवार, परिवेश, सहपाठी उनके व्यक्तिगत और सामाजिक गुणों को उजागर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। उन्हें सकारात्मक सोच की तरफ अग्रसर करते है।

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  41. personal social qualities is very essential to people to develop their all round qualities.

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  42. its very great opportunity to learn new things with technology, as far as new generation is concerned we are more connected to them by using latest apps n gadgets during teaching learning process even they helped us to learn many new features of mobile phone.

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  43. These qualities are very necessary for the all round development of students as well as the country

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  44. हाँ वास्तविक रूप में माध्यमिक स्तर पर शिक्षक व्यक्तिगत सामाजिक गुणों के विकास में मदद करते हैं| क्योंकि माध्यमिक स्तर जो बच्चे कि उम्र होती है उसमें शिक्षक ही उसके आदर्श होते हैं और उनकी बात वह सहज रूप में मान लेते हैं| अपने अन्दर वह नैतिक गुण एवं सामाजिक आचार व्यवहार सीखते हैं|

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  45. मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। व्यक्तिगत सामाजिक गुण मनुष्य को समाज में सुसंगठित ढंग से रहना सिखाते हैं। हम समाज के साथ अपना जीवन निर्वाह करते हैं , हर दिन समाज के साथ हमारा साविका पड़ता है। हर दिन हर सामाजिक कार्य के निष्पादन के लिए हमारे व्यक्तिगत सामाजिक गुण ही हमारी मदद करते हैं।इन व्यक्तिगत सामाजिक गुणों के अभाव में हमारा सामाजिक जीवन दुष्कर हो जाता है।हाँ, व्यक्तिगत सामाजिक गुणों के आधार पर ही हम आगे की शिक्षा ग्रहण करते हैं ।ये व्यक्तिगत सामाजिक गुण हमारी अग्रिम शिक्षा की पृष्ठभूमि होते हैं ।इनके अभाव में शिक्षा संभव ही नहीं है। हाँ, माध्यमिक स्तर पर शिक्षार्थियों के व्यक्तिगत सामाजिक गुणों के विकास और अभ्यास में शिक्षकों की बड़ी भूमिका होती है,क्योंकि एक शिक्षक ही शिक्षार्थी की गलत अवधारणाओं को गलत सिद्ध करके उनसे उसे उबार सकता है ,इसका कारण यह है कि शिक्षार्थी अपने शिक्षकों पर दूसरों की अपेक्षाकृत ज्यादा विश्वास रखता है।

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  46. यह सत्य है कि हमारे दैनिक जीवन में व्यक्तिगत सामाजिक गुणों की बहुत बड़ी भूमिका होती है । व्यक्तिगत सामाजिक गुण हमारे दैनिक जीवन के लिए अत्यंत सार्थक होते हैं । वह पग-पग पर हमें सीखने में मदद करते हैं साथ ही माध्यमिक स्तर के शिक्षार्थियों के लिए लाभकारी होते हैं । यह गुण मिसाल के तौर पर भी सीखने में हमारी सहायता करते हैं । व्यक्तिगत सामाजिक गुणों के कारण ही हमारा और समाज दोनों का विकास होता है । अतः यह कहा जा सकता है कि व्यक्तिगत सामाजिक गुणों का हमारे दैनिक जीवन में तो महत्व है ही सीखने में भी माध्यमिक स्तर के शिक्षार्थियों के लिए तथा व्यक्तिगत सामाजिक गुणों के विकास और अभ्यास में बहुत ज्यादा महत्व रखते हैं

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  47. मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है,जो व्यक्ति सामाजिकता में जितना कुशल है,वह जीवन में उतना सफल है ।सामाजिक गुण ही व्यक्ति के जीवन स्तर का मापदंड निर्धारित करते हैं। हाँ ये गुण निश्चित रूप से एक शिक्षार्थी को सीखने में मदद करते हैं।इन गुणों से ही एक छात्र जीवन जीने के गुर सीखता है। सामाजिक गुणों के विकास में शिक्षकों की एक महती भूमिका होती है ।खासतौर से सामाजिक विज्ञान/ अध्ययन के शिक्षक को यह विशेष दायित्व सौंपा गया है। यही कारण है कि माध्यमिक स्तर तक लगभग सभी विद्यालयों में सामाजिक विषय(अध्ययन)/विज्ञान को एक अनिवार्य विषय के रूप में पढ़ाया जाता है ।

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