कोर्स 04 - गतिविधि 4 : अपने विचार साझा करें

गोला, शंकु, घनाभ, घन, आदि जैसी त्रि-आयामी आकृतियों का उपयोग करके अपने सपनों के घर का चित्र

बनाएँ और रेखाचित्र में आपके द्वारा उपयोग की गई आकृतियों की संख्या गि नें। अपनी पसंद की अभि व्यक् ति

के कि सी भी माध्यम का उपयोग करके बनाए गए रेखाचित्र की वास्तु-संबंधी संदु रता की सराहना करें। आप

अपने विच ारों को एक लि मरिक (5 पंक्ति की हास्य कविता जि समें पंक्ति 1, 2 और 5 एक दूसरे से तुकबंदी वाले

होते हैं) के रूप में या एक अभि व्यंजक अनुच्छेद के रूप में व्यक्त कर सकते हैं। अपनी लिमरिक साझा करें।

नीचे दिए गए चरणों का पालन करें :

Comments

  1. गोला, शंकु, घनाभ, घन, आदि जैसी त्रि-आयामी आकृतियों का उपयोग करके अपने सपनों के घर का चित्र

    बनाएँ और रेखाचित्र में आपके द्वारा उपयोग की गई आकृतियों की संख्या गि नें।

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    1. मेरे सपनों के घर की छत गोलाई मे सामने के खंबे बेलनाकार मुडेर शंक्वाकार एवं सामने के चबूतरे घनाभ एवं घनाकार होंगे |

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  2. ऐसा है घर मेरा सपनों का
    और मेरे अपनों का।
    शंकु ,घनाभ का कर उपयोग
    पकड़ पेंसिल हांथो में
    घर बन गया सपनों का।

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  3. मेरे सपनों का घर बहुत सुंदर और आयताकार है। घर में एक त्रिभुजाकार का मंदिर भी है। घर के चार सिलेंडर के आकार के खंबे भी है।

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  4. एक घर मेरा सपनों का
    और मेरे अपनों का।
    शंकु ,घनाभ का कर उपयोग
    पकड़ पेंसिल हांथो में
    घर बन गया अपनो का।

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  5. एक घर बनाया अपने सपनो का जिसमे गोल लगाई खिडकी ।तिरीशंकु छप्पर छाया जिसमे आयताकार दरवाजा भाया ।

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  6. मेरा प्यारा सपनों का घर
    गोला, शंकु, घनाभ से बनकर |
    शंकु ने खंभा बनकर जब गोले को सिर पे बिठाया,
    घनाभ ने दीवार बनकर अच्छा-सा एक रूप दिखाया |
    ज्यामितीय आकृतियों ने जब त्री-आयामी रूप को पाला,
    गिरधारी की याद जो आई तूने यह क्या कर डाला ?

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  7. Really this is a good activity.

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  8. एक घर बनाया अपने सपनो का जिसमे बहुत सुंदर और त्रिभुजाकार मंदिर , गोला, शंकु, घनाभ, घन से बनकर मेरा प्यारा सपनों का घर

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  9. मेरे सपनों का घर बहुत सुंदर,मनभावनऔर आयताकार है। घर में एक त्रिकोण वाला मंदिर भी है। घर के चार पाईप के आकार के खंबे भी है।

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  10. घर के आसपास बनाया
    बाउंड्री वाल का गोला
    तब घर के दीवारोंके रूप
    मे घनाभने अपना मुख खोला
    शंकु चाचा चड़े दीवारों के ऊपर
    तब घन भैया ने भी छोटेछोटे
    कमरे बनाए ,तब बेलन महाराज
    ने भी सीड़ी बनाई, अब सब मिल रहते
    हैभाई

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  11. मेरे सपनों का वह था घर
    बनाया था बेलन शंकु धर ,
    रहते थे संग में परिवार ,
    करते थे सपने साकार

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  12. घर है बनता सदस्यों से
    पर यह भी सच है कि पहले बने शंकु, बेलन और आयत से।

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  13. मेरेअपनोंका एक घर,मेरे सपनोंका एक घर |
    शंकु धनाभ का कर उपयोग,सुंदर निर्मित क्रेन अपना घर|

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  14. गोल मटोल ,गोल मटोल
    मेरा घर है गोल मटोल
    शंकु टोपी सिर पर ओढ़,
    मेरा घर है गोल मटोल
    कमरे घन घनाभ जैसे लगते नन्द गोपाल,
    खिड़की इसकी गोल गोल मानो जैसे चक्का गोल
    गोल मटोल ,गोल मटोल मेरा घर है गोल मटोल।


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  15. अपना घर,अपनो का घर ;
    देखो कितना सुंदर घर ।
    पंख लगे हों, तो उड़ जाए,
    दूर देश के आसमान में ;
    फर-फर-फर, फर-फर-फर ।।

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  16. अपना घर, अपनों का घर ;
    देखो कितना सुंदर घर।
    पंख लगे हों , तो उड़ जाए,
    दूर देश के आसमान में ;
    फर-फर-फर ,फर- फर-फर ।।

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  17. अपना घर सबका घर
    घर घर ही है सबका घर

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  18. यह घर है मेरे सपनों का ,
    सपनों का मेरे अपनों का।
    खंभा लगा है सिलिंडर के आकार का ,
    शंकु, गोला, घन , घनाभ का ,
    उपयोग कर घर बनाया सपनों का।

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  19. मेरे सपनों का घर बहुत सुंदर और आयताकार है

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  20. मेरा घर है इतना प्यारा जिसमें कम लगता है जीवन सारा ,मेरी मेज की अपनी कहानी ,जिसमे खिलती सारी कहानी ,मेरी कॉपी आयताकार जिसमें सीधी लाइन हज़ार | फूलों का गुलदस्ता प्यारा ,जिसमें गोलाकार बल्ब है न्यारा | मेरी पेन्सिल है बेलनाकार , इससे छपी हैं संवेदनाएं अपार | मैं क्या कहूँ ,मैं क्या लिखूं ,मैं एक शून्य वृत्ताकार। ...मैं एक शून्य वृत्ताकार

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  21. घर है मेरा सुन्दर
    कमरे हैं इसके अन्दर
    बच्ची कूदती हैं जैसे बन्दर
    बाग है घर के बाहर।
    घर का स्थान है आयताकार
    तीस कदम लम्बा चालीस अन्दर
    पत्नी सजाती है बार बार
    मित्र आते हैं लगातार।
    है घर खुशी का आगर
    इस के अन्दर दो सिलंडर
    सिलंडरिक है इन का आकार
    हम पाते हैं सुख चैन अपार।

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  22. आज बनाऊँ मैं मेरा सुंदर घर
    शंकु, गोला, घन , बेलन शंकु धर ।
    रहूँ हरपल संग मेरे परिवार ,
    जीवन-आनंद के सपने साकार ॥

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  23. आज बनाऊँ मैं मेरा सुंदर घर
    शंकु, गोला, घन , बेलन शंकु धर ।
    रहूँ हरपल संग मेरे परिवार ,
    जीवन-आनंद के सपने साकार ॥

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