कोर्स 05 - गतिविधि 5 : अपने विचार साझा करें

 अपने किशोरावस्था के वर्षों के बारे में सोचें जब आपने अपने दोस्तों को अच्छी समझी जाने वाली चीजों की कोशिश की, जैसे पैसे चोरी करना, ड्रग्स लेना या धूम्रपान करना। आपने स्थिति पर कैसे प्रतिक्रिया दी? आपके विचार, भावनाएँ और रणनीतियाँ क्या थीं? अपने विचारों को साझा करें।

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  1. अपने किशोरावस्था के वर्षों के बारे में सोचें जब आपने अपने दोस्तों को अच्छी समझी जाने वाली चीजों की कोशिश की, जैसे पैसे चोरी करना, ड्रग्स लेना या धूम्रपान करना। आपने स्थिति पर कैसे प्रतिक्रिया दी?

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    1. हामरे किशोर अवस्था मे जब हम कक्षा नवमी और दसवीं मे थे मेरे साथी विद्यालय के पास के एक घर मे अमरूद तोड़ने जाते थे जबकि मैं उन्हे रोज ऐसा करने से रोकता था याऑउ वे मुझे डरपोक कहकर नजर अंदाज कर देते थे आखिर एक दिन सभी पकड़े गए एवं प्राचार्य महोदय के पास पेस किए गए |

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  2. I counselled such friends and made them understand that they were not on the right path.

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  3. हम दोस्तों से अच्छी आदतें सीखते थे। खेलते थे और खेलों का अनुसरण करते थे ।

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  4. I gave my opinion and refused to follow them. My parents also helped me in every possible way.

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  5. जब हम किशोर अवस्था में थे कुछ साथियों को देखकर प्रभावित हो जाते थे . कुछ गलत करने पर शिक्षक तुरंत रोक देते थे . हैं अपने गलती का एहसास हो जाता था ,

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  6. जब मै किशोरावस्था मै था तब मेरे जो साथी गलत आदत सीख रहे थे उनको समझाया कि वे धूम्रपान न करे नशा न करे यह सब बुरी आदत है इनसे जीवन बर्बाद हो जाता है।

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  7. जब हम किशोर अवस्था में थे तब हम दोस्तों से अच्छी आदतें सीखते थे। खेलते थे और खेलों का अनुसरण करते थे ।

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  8. जब हम किशोर अवस्था में थे तब हम दोस्तों से अच्छी आदतें सीखते थे , तब मेरे जो साथी गलत आदत सीख रहे थे उनको समझाया कि वे धूम्रपान न करे नशा न करे यह सब बुरी आदत है

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  9. जब हम किशोर अवस्था में थे कुछ साथियों को देखकर प्रभावित हो जाते थे कुछ गलत करने पर माता पिता व शिक्षक तुरंत रोक देते थे
    और हमे अपने गलती का एहसास हो जाता था

    हम दोस्तों से अच्छी आदतें सीखते थे। खेलते थे और खेलों का अनुसरण करते थे ।

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  10. किशोरावस्था मानव जीवन का वह काल है, जहाँ वह विभिन्न प्रकार की शारीरिक, मानसिक और सामाजिक चुनौतियों से गुजरते हैं | इस समय सहपाठियों का प्रभाव और दबाव दोनों बहुत अधिक होता है | यदि उस काल की ऊर्जा को सही दिशा देकर रचनात्मक कार्यों में लगाया जाए मार्ग से भटकने की सभी संभावनाओं पर विराम लग जाता है | किशोरावस्था के दौरान हम सभी सहपाठी मिलकर खूब खेलते थे और जीवन-कौशलों को आत्मसात करते थे | वर्तमान की भाँति बाहरी चकाचौंध से उस समय का विद्यार्थी इतना प्रभावित नहीं होता था, तथापि किसी के द्वारा गलत कदम उठाए जाने पर सभी उसे समझाते थे और कई बार शिक्षक के परामर्श का भी सहारा लिया था |

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  11. किशोरावस्ठ में अच्छे मित्रों के ही संपर्क रहे जिससे गलत चीजों दूर रहे ।

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  12. Every child wants to show himself bigger and mature than his age due to influence of senior class bhaiya's or didi's . So he tries to follow such activities whether it is good or bad. Here proper counselling is required.

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  13. बच्चे को केवल किशोरावस्था में नहीं बल्कि बचपन से ही अच्छे सहपाठियों के बीच रहने और अच्छा व्यवहार करने के लिए प्रेरित करते रहना चाहिए ताकि किशोरावस्था में आकर भी वह अपने व्यवहार को अच्छा बनाए रख सके और उसकी जो मित्र अच्छे ही बने।

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  14. किशोरावस्था के दौरान हम अपने दोस्तों के साथ खेलते अौर सकारात्मक भावनाओं का आदान प्रदान भी करते जो की भविष्य के लिए प्रेरणा पुंज भी बना ।

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  15. Ye sabhi gatividhiya galat hai jise hamne kbhi bhi badhava nhi diya or apne dosto ko karne se bhi roka.

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  16. शिक्षकों का सही मार्गदर्शन मिलने तथा अच्छे सहपाठियों की संगत होने के कारण ऐसी स्थितियां नहीं बनी। यदि ऐसी स्थिति बनती भी तो मैं सहपाठियों को इन गतिविधियों में शामिल होने से रोकता।

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  17. किशोरावस्था में हम मित्रों के साथ मिलकर खेलते थे और बहुत हद तक एक-दूसरे की बातों को मानते थे और समझते थे | मित्र की किसी भी गलती पर हम उसे समझाने का पूरा प्रयास करते थे तथा अभिभावक एवं शिक्षक का सहारा भी लेते थे |

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  18. किशोरावस्था मानव जीवन का वह काल है, जहाँ वह विभिन्न प्रकार की शारीरिक, मानसिक और सामाजिक चुनौतियों से गुजरते हैं | इस समय सहपाठियों का प्रभाव और दबाव दोनों बहुत अधिक होता है | यदि उस काल की ऊर्जा को सही दिशा देकर रचनात्मक कार्यों में लगाया जाए मार्ग से भटकने की सभी संभावनाओं पर विराम लग जाता है | किशोरावस्था के दौरान हम सभी सहपाठी मिलकर खूब खेलते थे और जीवन-कौशलों को आत्मसात करते थे | वर्तमान की भाँति बाहरी चकाचौंध से उस समय का विद्यार्थी इतना प्रभावित नहीं होता था, तथापि किसी के द्वारा गलत कदम उठाए जाने पर सभी उसे समझाते थे और कई बार शिक्षक के परामर्श का भी सहारा लिया था

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  19. हम दोस्तों से अच्छी आदतें सीखते थे। खेलते थे और खेलों का अनुसरण करते थे

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  20. किशोरावस्ठ में अच्छे मित्रों के ही संपर्क रहे जिससे गलत चीजों दूर रहे

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  21. किशोरावस्था में बच्चों में शारारीरिक , मानसिक एवं सामाजिक विकास होता है| उनकी भावनाएं संवेदनशील होती हैं एवं वे समाज में सम्मान प्राप्त करना चाहता है| वह विपरीत लिंग के प्रति आकर्षित होता है| उसे अपने दोस्तों के साथ घूमना पसंद होता है | वह स्वछंद रहना पसंद होता है|

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  22. जब मै किशोरावस्था मै था तब मेरे जो साथी गलत आदत सीख रहे थे उनको समझाया कि वे धूम्रपान न करे नशा न करे यह सब बुरी आदत है इनसे जीवन बर्बाद हो जाता है। gian chand

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  23. जब हम किशोर अवस्था में थे कुछ साथियों को देखकर प्रभावित हो जाते थे . कुछ गलत करने पर शिक्षक तुरंत रोक देते थे . हैं अपने गलती का एहसास हो जाता था , gian chand.

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  24. Encouraged group study and respect to elders

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  25. किशोरावस्था में हम अपने दोस्तों के साथ खेलते थे। उनकी अच्छी आदतें सीखते थे। बाहरी दिखावे के कारण हमारा ध्यान कई बार गलत आदतों की ओर भटक जाता था जिस पर माता-पिता तथा शिक्षकों द्वारा तुरंत टोक दिया जाता था। उनके द्वारा हमें समझाया जाता था। सही और गलत के बीच अन्तर बताया जाता था उनके समझाने पर हम समझ जाते थे और जीवन में आगे बढ़ने के लिए सही मार्ग पर चुनते थे ।

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  26. बात 1993-94 की होगी मेरे गाँव में एक छोटी मिठाई की दूकान थी और वह दूकान आज भी याद है क्योंकि मैं हर दिन उस दूकान पर मिठाई खाने जाता था मेरी माँ बताती हैं कि बचपन में मैंने मासी के बेटे के साथ मिलकर गाँव की उस दुकान से मिठाई की थाली चुराकर चारपाई के नीचे बैठकर खा रहा था उस समय जो सीख दी गयी वो आज भी काम आ रही है की चोरी छोटी हो या बड़ी चोरी होती है , लेकिन बचपन में बच्चों के जीवन में शिक्षक और अभिभावक की अहम् भूमिका होती है जिसको उचित ढंग से निभाया जाए तो एक अच्छा नागरिक बनाया जा सकता है

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  27. किशोरावस्था जीवन का स्वर्णिम काल है। हम अपने दोस्तों के साथ मिट्टी के खिलौने बनाकर खेलते थे। खेलने के साथ-साथ हमें पढ़ने में भी मजा आता था। हमारे माता-पिता एवं शिक्षकों के मार्गदर्शन ने हमें जीवन जीने की कला सिखाई है।

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  28. किशोरावस्था जीवन का स्वर्णिम काल है।किशोरावस्था में बच्चों में शारारीरिक , मानसिक एवं सामाजिक विकास होता है| उनकी भावनाएं संवेदनशील होती हैं एवं वे समाज में सम्मान प्राप्त करना चाहता है| वह विपरीत लिंग के प्रति आकर्षित होता है| उसे अपने दोस्तों के साथ घूमना पसंद होता है | वह स्वछंद रहना पसंद होता है|

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