शारीरिक फिटनेस गतिविधियां हमारे सम्पूर्ण स्वास्थ्य को प्रभावित करतीं है | इससे हमारा शरीर मजबूत होता है जो हमरे कार्य करने की क्षमता को बढ़ाता है | शारीरिक फिटनेस गतिविधियों मे शामिल होने से हमारे शरीर को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है एवं रोगों से हमारा बचाव होता है , इससे हमे मानसिक शांति मिलती है और हमारे बौद्धिक क्षमता का भी विकास होता है |
शारीरिक गतिविधियाँ व्यक्ति का शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास करती हैं | शारीरिक गतिविधियाँ शरीर को स्वस्थ तो बनाती हैं, बीमारियों से बचाती हैं, इच्छा शक्ति, सहनशक्ति और धैर्य को मज़बूत बनाती हैं, साथ ही नैतिक मूल्यों का विकास भी करती हैं | कहा जाता है, स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है | शारीरिक गतिविधियाँ व्यक्ति को हताशा, निराशा और अवसाद से दूर रखकर स्फूर्ति और उत्साह प्रदान करती हैं, जिससे दिनचर्या सुखद और आनंददायक बन जाती है | इस तरह शारीरिक गतिविधियाँ अपने आप में एक सम्पूर्ण व्यायाम हैं |
शारीरिक गतिविधियों से शरीर स्वस्थ रहता है |व्यक्ति मानसिक स्वस्थता भी महसूस करता है |जब मनुष्य का तन-मन स्वस्थ रहेगा तो वह किसी भी कार्य को करने में खुद को सक्षम पाएगा |
शारीरिक फिटनेस गतिविधियों में शामिल होने से संपूर्ण स्वास्थ्य प्रभावित होता है यह बात बिल्कुल सत्य है। इन गतिविधियों से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य सुदृढ़ बनता है तथा ये गतिविधियां शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक विकास करती हैं।
शारीरिक गतिविधियों से शरीर स्वस्थ रहता है |व्यक्ति मानसिक स्वस्थता भी महसूस करता है |जब मनुष्य का तन-मन स्वस्थ रहेगा तो वह किसी भी कार्य को करने में खुद को सक्षम पाएगा
शरीरिक गतिविधियां शरीर व मन को स्वस्थ रखती है तथा सामाजिक संबंधों मे सुधार लाती है इस तरह शारीरिक गतिविधियाँ अपने आप में एक सम्पूर्ण व्यायाम हैं | यमहत्वपूर्ण हिस्सा है ।
स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मष्तिष्क का वास होता है ऐसा कहा गया है , शारीरिक फिटनेस गतिविधियां व्यक्ति के सम्पूर्ण स्वास्थ्य को प्रभावित करतीं है | ये हमारी कार्य करने की क्षमता को बढ़ाता है | ऐसी गतिविधियाँ शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाती है जिससे रोगों से हमारा बचाव होता है , इस प्हैरकार की गतिविधियों से मानसिक एकाग्रता बढती है और हमारी बौद्धिक क्षमता का भी विकास होता है | अतः शरीर का ध्यान रखना है, कालिदास ने कहा है शरीरमाद्यं खलु धर्म साधनम् |
शारीरिक फिटनेस गतिविधियां व्यक्ति के सम्पूर्ण स्वास्थ्य को प्रभावित करतीं है | ये हमारी कार्य करने की क्षमता को बढ़ाता है | ऐसी गतिविधियाँ शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाती है जिससे रोगों से हमारा बचाव होता है
शारीरिक गतिविधियां मनुष्य का शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक और सामाजिक विकास करती है। मनुष्य के शरीर को सुदृढ़ और सुन्दर बनती है मनुष्य के शरीर की रोग-प्रतिरोध क्षमता बढ़ाती है। मनुष्य को तनाव मुक्त होने में मदद करती है मनुष्य के अन्दर खेलों के प्रति सकारात्मक सोच विकसित करती है।
शारीरिक फिटनेस गतिविधियों मे शामिल होने से हमारे शरीर को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है एवं रोगों से हमारा बचाव होता है , इससे हमे मानसिक शांति मिलती है और हमारे बौद्धिक क्षमता का भी विकास होता है |
'शारीरिक फिटनेस गतिविधियों में शामिल होना ' हमारी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। इन गतिविधियों में लगने वाले श्रम से हमारा रक्त परिसंचरण संतुलित रहता है। इसके साथ ही हमारे शरीर के परित्याज्य पदार्थ पसीने के साथ बाहर निकल जाते हैं जिससे हमारा शरीर शुद्ध , मजबूत और मन तरोताजा हो जाता है। इस प्रकार हम और हमारा शरीर स्वस्थ और फिट रहते हैं।
शारीरिक फिटनेस गतिविधियों द्वारा रक्त का संचालन सुचारु रूप से होने के फलस्वरूप शरीर में स्फूर्ति बनी रहती है । जो हमारे प्रतिरोधक क्षमता को वृद्धि करने में सक्षम होता है और हमें नाना प्रकार के रोगों से बचाता हैं। सारे दिन की ताजगी और मन की उमंग, किसी भी कार्य को सुचारु रूप से धार्य पूर्वक सम्पन्न करने में सहायता प्रदान करता है । स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती की स्थिति में मानसिक संतुलन बना रहता है।
'शारीरिक फिटनेस गतिविधियों ' द्वारा रक्त का संचालन सुचारु रूप से होने के फलस्वरूप शरीर में स्फूर्ति और ताजगी बनी रहती है जो हमारे प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि कर नाना प्रकार के रोगों से हमें विचित रखता है। स्वास्थ्य और तंदूरती की स्थिति में मानसिक संतलन बना रहता है। सारे दिन की ताजगी और मन के उमंग, धार्य पूर्वक कार्य सम्पन्न करने में सहायता प्रदान करता है।
शारीरिक व्यायाम जीवन का एक अभिन्न अंग है। जीवन की सौंदर्यनुभूति का आनंद लेने के लिए शारीरिक फिटनेस गतिविधियां अनिवार्य है, इसीलिए कहा गया है कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का वास होता है।
Identify any innovative practice being carried out in your state/UT/organisation that can act as an example or be a role model for other parts of the country. Share your reflections.
Considering your classroom practices, state three ways in which you conduct several assessment practices? Are these practices planned, designed and implemented by yourself or are these structured at different levels and assigned to you by the school authorities or board of education? Suppose you want to change these existing assessment strategies then suggest an alternative way you plan and implement on your own and it is not directed from the higher authorities.
शारीरिक फिटनेस गतिविधियों में शामिल होना
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Deleteशारीरिक फिटनेस गतिविधियां हमारे सम्पूर्ण स्वास्थ्य को प्रभावित करतीं है | इससे हमारा शरीर मजबूत होता है जो हमरे कार्य करने की क्षमता को बढ़ाता है | शारीरिक फिटनेस गतिविधियों मे शामिल होने से हमारे शरीर को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है एवं रोगों से हमारा बचाव होता है , इससे हमे मानसिक शांति मिलती है और हमारे बौद्धिक क्षमता का भी विकास होता है |
Deleteशारीरिक गतिविधियां व्यक्ति के शारीरिक मानसिक और सामाजिक विकास करती है। शरीर को मजबूत बनाती है। मानसिक रूप से पक्का बनाती है।
ReplyDeleteशारीरिक गतिविधियों से शरीर स्वस्थ रहता है |
ReplyDeleteशारीरिक गतिविधियों से शरीर स्वस्थ रहता है | शरीर को मजबूत बनाती है
ReplyDeleteशारीरिक गतिविधियां व्यक्ति के शारीरिक
ReplyDeleteऔर मानसिक विकास करती है। शरीर को मजबूत बनाती है। मानसिक रूप से पक्का बनाती है।
शारीरिक गतिविधियों द्वारा बाह्य शरीर के साथ साथ अंतर्मन का भी विकास होता हैं । सामाजिक विकास मे भी इनकी महत्वपूर्ण भूमिका है।
ReplyDeleteशारीरिक गतिविधियाँ व्यक्ति का शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास करती हैं | शारीरिक गतिविधियाँ शरीर को स्वस्थ तो बनाती हैं, बीमारियों से बचाती हैं, इच्छा शक्ति, सहनशक्ति और धैर्य को मज़बूत बनाती हैं, साथ ही नैतिक मूल्यों का विकास भी करती हैं | कहा जाता है, स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है | शारीरिक गतिविधियाँ व्यक्ति को हताशा, निराशा और अवसाद से दूर रखकर स्फूर्ति और उत्साह प्रदान करती हैं, जिससे दिनचर्या सुखद और आनंददायक बन जाती है | इस तरह शारीरिक गतिविधियाँ अपने आप में एक सम्पूर्ण व्यायाम हैं |
ReplyDeleteशारीरिक गतिविधियों से शरीर स्वस्थ रहता है |व्यक्ति मानसिक स्वस्थता भी महसूस करता है |जब मनुष्य का तन-मन स्वस्थ रहेगा तो वह किसी भी कार्य को करने में खुद को सक्षम पाएगा |
ReplyDeleteशारीरिक फिटनेस गतिविधियों में शामिल होने से संपूर्ण स्वास्थ्य प्रभावित होता है यह बात बिल्कुल सत्य है। इन गतिविधियों से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य सुदृढ़ बनता है तथा ये गतिविधियां शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक विकास करती हैं।
ReplyDeleteशारीरिक गतिविधियों से शरीर स्वस्थ रहता है |व्यक्ति मानसिक स्वस्थता भी महसूस करता है |जब मनुष्य का तन-मन स्वस्थ रहेगा तो वह किसी भी कार्य को करने में खुद को सक्षम पाएगा
ReplyDeleteशरीरिक गतिविधियां शरीर व मन को स्वस्थ रखती है तथा सामाजिक संबंधों मे सुधार लाती hai
ReplyDeleteस्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का वास होता है। अतः शारीरिक गतिविधियां शरीर को स्वस्थ रखने के लिए आवश्यक है
ReplyDeleteशरीरिक गतिविधियां शरीर व मन को स्वस्थ रखती है तथा सामाजिक संबंधों मे सुधार लाती है इस तरह शारीरिक गतिविधियाँ अपने आप में एक सम्पूर्ण व्यायाम हैं | यमहत्वपूर्ण हिस्सा है ।
ReplyDeleteस्वस्थ शरीर में स्वस्थ मष्तिष्क का वास होता है ऐसा कहा गया है , शारीरिक फिटनेस गतिविधियां व्यक्ति के सम्पूर्ण स्वास्थ्य को प्रभावित करतीं है | ये हमारी कार्य करने की क्षमता को बढ़ाता है | ऐसी गतिविधियाँ शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाती है जिससे रोगों से हमारा बचाव होता है , इस प्हैरकार की गतिविधियों से मानसिक एकाग्रता बढती है और हमारी बौद्धिक क्षमता का भी विकास होता है | अतः शरीर का ध्यान रखना है, कालिदास ने कहा है शरीरमाद्यं खलु धर्म साधनम् |
ReplyDeleteकिसी भी कार्य को पूरा करने के लिए स्वस्थ शरीर का होना आवश्यक है. बिना व्यायाम के शरीर को स्वस्थ नहीं रखा जा सकता इसलिए व्यायाम अति आवश्यक है .
ReplyDeleteशारीरिक फिटनेस गतिविधियां व्यक्ति के सम्पूर्ण स्वास्थ्य को प्रभावित करतीं है | ये हमारी कार्य करने की क्षमता को बढ़ाता है | ऐसी गतिविधियाँ शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाती है जिससे रोगों से हमारा बचाव होता है
ReplyDeleteशारीरिक गतिविधियां मनुष्य का शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक और सामाजिक विकास करती है। मनुष्य के शरीर को सुदृढ़ और सुन्दर बनती है मनुष्य के शरीर की रोग-प्रतिरोध क्षमता बढ़ाती है। मनुष्य को तनाव मुक्त होने में मदद करती है मनुष्य के अन्दर खेलों के प्रति सकारात्मक सोच विकसित करती है।
ReplyDeleteस्वास्थ् शरीर में ही स्वस्थ मन का वास होता है, शारीरिक फिटनेस हमारे सर्वांगीण में मदद करती है
ReplyDeleteA good laughand a long sleepare the best curves in the Doctors book
ReplyDeleteशारीरिक गतिविधियां व्यक्ति के शारीरिक मानसिक और सामाजिक विकास करती है। शरीर को मजबूत बनाती है। मानसिक रूप से पक्का बनाती है। Gian chand
ReplyDeleteशारीरिक फिटनेस गतिविधियों मे शामिल होने से हमारे शरीर को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है एवं रोगों से हमारा बचाव होता है , इससे हमे मानसिक शांति मिलती है और हमारे बौद्धिक क्षमता का भी विकास होता है |
ReplyDeleteby physical exercises we can overcome from different kinds of disease and we feel peace in our mind .
ReplyDelete'शारीरिक फिटनेस गतिविधियों में शामिल होना ' हमारी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। इन गतिविधियों में लगने वाले श्रम से हमारा रक्त
ReplyDeleteपरिसंचरण संतुलित रहता है। इसके साथ ही हमारे शरीर के परित्याज्य पदार्थ पसीने के साथ बाहर निकल जाते हैं जिससे हमारा शरीर शुद्ध , मजबूत और मन तरोताजा हो जाता है। इस प्रकार हम और हमारा शरीर स्वस्थ और फिट रहते हैं।
शारीरिक फिटनेस गतिविधियों द्वारा रक्त का संचालन सुचारु रूप से होने के फलस्वरूप शरीर में स्फूर्ति बनी रहती है । जो हमारे प्रतिरोधक क्षमता को वृद्धि करने में सक्षम होता है और हमें नाना प्रकार के रोगों से बचाता हैं। सारे दिन की ताजगी और मन की उमंग, किसी भी कार्य को सुचारु रूप से धार्य पूर्वक सम्पन्न करने में सहायता प्रदान करता है । स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती की स्थिति में मानसिक संतुलन बना रहता है।
ReplyDelete'शारीरिक फिटनेस गतिविधियों ' द्वारा रक्त का संचालन सुचारु रूप से होने के फलस्वरूप शरीर में स्फूर्ति और ताजगी बनी रहती है जो हमारे प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि कर नाना प्रकार के रोगों से हमें विचित रखता है। स्वास्थ्य और तंदूरती की स्थिति में मानसिक संतलन बना रहता है। सारे दिन की ताजगी और मन के उमंग, धार्य पूर्वक कार्य सम्पन्न करने में सहायता प्रदान करता है।
ReplyDeleteशारीरिक व्यायाम जीवन का एक अभिन्न अंग है। जीवन की सौंदर्यनुभूति का आनंद लेने के लिए शारीरिक फिटनेस गतिविधियां अनिवार्य है, इसीलिए कहा गया है कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का वास होता है।
ReplyDeletegood health
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