कोर्स 7_गतिविधि 6 : अपने विचार साझा करें

अपने जिले/राज्य के लिंग अनुपात के जनगणना के आँकड़ों को देखिये और उनकी तुलना मे राष्ट्रीय लिंग अनुपात से कीजिये। लिंग अनुपात के संदर्भ मे आपके जिले/राज्य के अच्छे अथवा बुरे प्रदर्शन के क्या कारण हो सकते हैं? अपने विचारों को साझा कीजिये।

Comments

  1. अपने जिले/राज्य के लिंग अनुपात के जनगणना के आँकड़ों को देखिये और उनकी तुलना मे राष्ट्रीय लिंग अनुपात से कीजिये।

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  2. अपने क्षेत्र के आंकड़े इक्ट्ठा कीजिए और उनका विश्लेषण कीजिए| लिंग अनुपात कीजिए |

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  3. हमारे राज्य में स्त्रियों की स्थिति प्रत्येक क्षेत्र में राष्ट्रीय अनुपात से अच्छी है क्योंकि हमारे राज्य में लड़का या लड़की में कोई भी भेदभाव नहीं किया जाता और ना ही हमारे राज्य में दहेज प्रथा का प्रचलन है।

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  4. लैंगिक भेदभाव क अभी भी कुछ राज्यों में जारी है। कड़े कदम उठाए जाने चाहिए।

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  5. गांधी और पटेल की भूमि गुजरात वैचारिक दृष्टि से तो बहुत प्रगतिशील है, परंतु यहाँ का लिंगानुपात देश की तुलना में अत्यंत चिंतनीय है | देश का लिंगानुपात जहाँ 943 है, वहीं इस प्रांत का लिंगानुपात 842 हो गया है | यद्यपि यह राज्य दहेज-प्रथा के कोढ़ से ग्रस्त नहीं है, फिर भी बेटों की चाहत लोगों को भ्रूण हत्या करने पर विवश करती है | जब तक रूढ़िवादी सोच नहीं बदलेगी तथा बेटियों की विदाई की परंपरा पर पुनर्विचार नहीं किया जाएगा, तब तक हमारे समाज की मानसिकता को परिवर्तित कर पाना बहुत कठिन होगा |

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  6. महिला ही महिला की विरोधी है। एक सास भूल जाती है कि वह भी कभी बहू थी। दामाद अगर लड़की का ख्याल रखें तो बहुत अच्छा परंतु अगर लड़का बहू का ख्याल रखें तो वह जोरू का गुलाम समझा जाता है। लिंगानुपात के लिए जितना दोषी पुरुष है उतनी ही दोषी महिला भी है क्योंकि अधिकांश महिला स्वयं महिला होकर भी नहीं चाहती कि घर में लड़की का जन्म हो ।अब शिक्षित और संस्कारी परिवारों में ऐसी कोई विषमता नहीं मिल रही है महिला को भी समान अधिकार एवं सम्मान दिया जा रहा है ।संसद पंचायत इत्यादि में भी उनका योगदान बढ़ रहा है।

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  7. Indirectly women empowerment not gender equality

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  8. हमारे राज्य उत्तर प्रदेश में लिंगानुपात देश के लिंगानुपात से भी कम है । इसके बहुत से कारण हो सकते हैं, इनमें से जो सबसे प्रमुख कारण है, वह अशिक्षा है। अशिक्षा से मेरा तात्पर्य निरक्षरता से नहीं है, बल्कि दूरदृष्टिहीनता, संवेदनशून्यता और अन्य मानवीय मूल्यों से शून्य होने से है।यदि मनुष्य शिक्षित हो जाए तो निश्चित रूप से बेटे-बेटी को समान दृष्टि से देखेगा और लिंगानुपात संतुलित होगा । अतः हम कह सकते हैं कि अशिक्षा वह वटवृक्ष है जिसमें लिंगानुपात असंतुलन ही नहीं बल्कि अन्य बहुत सी अव्यवस्थाएँ व समस्याएँ फूलती-फलती व पल्लवित होती हैं।

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  9. only solution is girl child education n give opportunity

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  10. The solutions is to spread awareness to normal people specially women. Gender equality is necessary for growth of a state or country.

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  11. solution is girl child education n give opportunity

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  12. The solution only girl child should be Educated So she can chose her profession and earn as like boy and she become selfdepeded.

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  13. Only solution the girl should be Educated .She can get good job and self-respect.

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  14. सब के लिए समान अवसर हो.

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