शिक्षा का व्यावसायीकरण :- पाठयक्रम को दक्षताओं से जोड़ना , विभिन्न क्रियाकलापों से जोड़ना | जो विद्यार्थी के भविष्य से रोज़गार के रूप में जुड़ जाते हैं | शिक्षा का सम्बन्ध व्यक्तिगत रुचिपूर्ण दक्षताओं से कर दिया जाता है जो उस छात्र के भविष्य को रोज़गार प्रदान करता है |
शिक्षा का अर्थ केवल किताबी ज्ञान न हो। शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो बच्चों के रूचि के अनुसार हों। बच्चे अपना कौशल विकास कर सके और अपने रूचि के अनुसार रोजगार प्राप्त कर सके।
शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो बच्चों के रूचि के अनुसार हों। बच्चे अपना कौशल विकास कर सके और अपने रूचि के अनुसार रोजगार प्राप्त कर सके। इसके लिए व्यवसायिक शिक्षा आवश्यक है
व्यावसायिक शिक्षा का अर्थ है - कौशल आधारित शिक्षा | शिक्षा ऐसी हो जो विद्यार्थियों को विभिन्न उपयोगी क्षेत्रों से संबन्धित कौशलों में उन्हें दक्ष कर सके | व्यावसायिक शिक्षा विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर बनाएगी और उनके आत्मविश्वास को बढ़ाएगी | कौशलों की दक्षता उन्हें रोज़गार के अवसर उपलब्ध करवाएगी और युवा शक्ति की क्षमता और योग्यता का लाभ देश को प्राप्त होगा | बेरोज़गारी की समस्या स्वतः समाप्त हो जाएगी |
व्यावसायिक शिक्षा ऐसी हो जो विद्यार्थियों को विभिन्न उपयोगी क्षेत्रों से संबन्धित कौशलों में उन्हें दक्ष कर सके | व्यावसायिक शिक्षा विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर बनाएं और रोजगार के नए अवसर प्रदान करें
शिक्षा ऐसी हो जो विद्यार्थियों को विभिन्न उपयोगी क्षेत्रों से संबन्धित कौशलों में उन्हें दक्ष कर सके | व्यावसायिक शिक्षा विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर बनाएगी और उनके आत्मविश्वास को बढ़ाएगी | कौशलों की दक्षता उन्हें रोज़गार के अवसर उपलब्ध करवाएगी और युवा शक्ति की क्षमता और योग्यता का लाभ देश को प्राप्त होगा | बेरोज़गारी की समस्या स्वतः समाप्त हो जाएगी |
सामान्य शिक्षा के दौरान ही रोज्गारुन्मुखी व्यावसायिक शिक्षा प्रदान की जाय |पाठयक्रम को दक्षताओं से जोड़ा जाय जो उन्हें विभिन्न कौशलों में उन्हें दक्ष कर सके |
'शिक्षा का व्यवसायीकरण' पदबन्ध का सामान्यतः दो अर्थों में प्रयोग किया जाता है।एक (प्राइवेट)विद्यालयों का एक व्यवसाय की तरह संचालन भी शिक्षा का व्यवसायीकरण है।दूसरा शिक्षा के उस स्वरूप से आशय है जिसमें व्यवसायपरक शिक्षा दी जाती है। इस व्यवसायिक शिक्षा में शिक्षार्थी के व्यवसायपरक कौशल को विकसित किया जाता है और प्रशिक्षण भी दिया जाता है। इस व्यवसायिक शिक्षा का उद्देश्य देश के नागरिक को रोजगार उपलब्ध कराना व स्वरोजगार विकसित करना है।इसके साथ ही देश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करना भी इसका उद्देश्य है।
व्यवसायिक शिक्षा देने का तात्पर्य है बच्चों में आधारभूत कौशलों का निर्माण करना नई शिक्षा नीति ने व्यवसायिक शिक्षा के ऊपर काफी जोर दिया है यह बच्चों में उसके रचनात्मकता और संज्ञानात्मक था को बढ़ावा देता है वेबसाइट शिक्षा के तहत नई शिक्षा नीति में वोकेशनल कोर्स के माध्यम से कई तरह की दक्षता पुर शिक्षा जो किताबी ज्ञान ना होकर लर्निंग बाय डूइंग के मैसेज पर अधारित होगी और ऐसी शिक्षा बच्चों के लिए वर्तमान समय में बेहद ही जरूरी है आज अगर कोई देश विकसित है तो उसके पीछे उसकी वेबसाइट शिक्षा का बहुत बड़ा योगदान है जिसे डेनमार्क जर्मनी फ्रांस भारत भी विकासशील देश से विकसित देश की और बहुत तेजी से अग्रसर हो रहा है और आने वाले समय में भारत में वेबसाइट शिक्षा को लेकर अनेक परियोजनाएं विकसित होने वाली है जिसके लिए लोगों को फ्रेंड होना जरूरी है आचार्य शिक्षा काफी महत्वपूर्ण है
Considering your classroom practices, state three ways in which you conduct several assessment practices? Are these practices planned, designed and implemented by yourself or are these structured at different levels and assigned to you by the school authorities or board of education? Suppose you want to change these existing assessment strategies then suggest an alternative way you plan and implement on your own and it is not directed from the higher authorities.
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ReplyDeleteविद्यालयी शिक्षा में अकादमिक ज्ञान के साथ व्यवसायिक ज्ञान प्रदान करना, छात्रों के कौशल का विकास कर उन्हें रोजगार परक शिक्षण देना।
DeleteGive vocational education details
ReplyDeleteHow the vocational education be given along with all subjects please suggest and provide methods
ReplyDeleteशिक्षा का व्यावसायीकरण :-
ReplyDeleteपाठयक्रम को दक्षताओं से जोड़ना , विभिन्न क्रियाकलापों से जोड़ना | जो विद्यार्थी के भविष्य से रोज़गार के रूप में जुड़ जाते हैं | शिक्षा का सम्बन्ध व्यक्तिगत रुचिपूर्ण दक्षताओं से कर दिया जाता है जो उस छात्र के भविष्य को रोज़गार प्रदान करता है |
शिक्षा का अर्थ केवल किताबी ज्ञान न हो। शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो बच्चों के रूचि के अनुसार हों। बच्चे अपना कौशल विकास कर सके और अपने रूचि के अनुसार रोजगार प्राप्त कर सके।
ReplyDeleteशिक्षा को बच्चों की रूचि के अनुसार होना चाहिए ताकि वे भविष्य में उसका प्रयोग कर सकें।
ReplyDeleteशिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो बच्चों के रूचि के अनुसार हों। बच्चे अपना कौशल विकास कर सके और अपने रूचि के अनुसार रोजगार प्राप्त कर सके। इसके लिए व्यवसायिक शिक्षा आवश्यक है
ReplyDeleteव्यावसायिक शिक्षा का अर्थ है - कौशल आधारित शिक्षा | शिक्षा ऐसी हो जो विद्यार्थियों को विभिन्न उपयोगी क्षेत्रों से संबन्धित कौशलों में उन्हें दक्ष कर सके | व्यावसायिक शिक्षा विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर बनाएगी और उनके आत्मविश्वास को बढ़ाएगी | कौशलों की दक्षता उन्हें रोज़गार के अवसर उपलब्ध करवाएगी और युवा शक्ति की क्षमता और योग्यता का लाभ देश को प्राप्त होगा | बेरोज़गारी की समस्या स्वतः समाप्त हो जाएगी |
ReplyDeleteस्कूली शिक्षा को काम काज के आधारित कौशल देना व्यावसायिक शिक्षा है.
ReplyDeleteव्यावसायिक शिक्षा ऐसी हो जो विद्यार्थियों को विभिन्न उपयोगी क्षेत्रों से संबन्धित कौशलों में उन्हें दक्ष कर सके | व्यावसायिक शिक्षा विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर बनाएं और रोजगार के नए अवसर प्रदान करें
ReplyDeleteशिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो बच्चों के रूचि के अनुसार हों । व्यावसायिक शिक्षा विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर बनाएगी और उनके आत्मविश्वास को बढ़ाएगी |
ReplyDeleteक्या व्यव्शायिक शिक्षा केवल किताबों तक ही रहेगी या इसको प्रयोग में भी लाया जायेगा ?
ReplyDeleteThis type of education will be more realistic and useful but it has to be applied properly.
ReplyDeleteशिक्षा ऐसी हो जो विद्यार्थियों को विभिन्न उपयोगी क्षेत्रों से संबन्धित कौशलों में उन्हें दक्ष कर सके | व्यावसायिक शिक्षा विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर बनाएगी और उनके आत्मविश्वास को बढ़ाएगी | कौशलों की दक्षता उन्हें रोज़गार के अवसर उपलब्ध करवाएगी और युवा शक्ति की क्षमता और योग्यता का लाभ देश को प्राप्त होगा | बेरोज़गारी की समस्या स्वतः समाप्त हो जाएगी |
ReplyDeleteसामान्य शिक्षा के दौरान ही रोज्गारुन्मुखी व्यावसायिक शिक्षा प्रदान की जाय |पाठयक्रम को दक्षताओं से जोड़ा जाय जो उन्हें विभिन्न कौशलों में उन्हें दक्ष कर सके |
ReplyDeletegoverment should start technical school again
ReplyDelete'शिक्षा का व्यवसायीकरण' पदबन्ध का सामान्यतः दो अर्थों में प्रयोग किया जाता है।एक (प्राइवेट)विद्यालयों का एक व्यवसाय की तरह संचालन भी शिक्षा का व्यवसायीकरण है।दूसरा शिक्षा के उस स्वरूप से आशय है जिसमें व्यवसायपरक शिक्षा दी जाती है। इस व्यवसायिक शिक्षा में शिक्षार्थी के व्यवसायपरक कौशल को विकसित किया जाता है और प्रशिक्षण भी दिया जाता है।
ReplyDeleteइस व्यवसायिक शिक्षा का उद्देश्य देश के नागरिक को रोजगार उपलब्ध कराना व स्वरोजगार विकसित करना है।इसके साथ ही देश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करना भी इसका उद्देश्य है।
शिक्षा के व्यवसायीकरण मे विद्यार्थियो को उनकी रूचि के व्यवसाय से सम्बन्धित कौशल का प्रशिक्षण देकर रोजगार क,ने योग्य बनाना
ReplyDeleteविभिन्न कौशलों का अनुभव देना ताकि भविष्य में जरुरत पड़ने बच्चे खुद से कमाने योग्य बन सके और जरुरी कौशल विकसित कर पाना
ReplyDeleteव्यवसायिक शिक्षा देने का तात्पर्य है बच्चों में आधारभूत कौशलों का निर्माण करना नई शिक्षा नीति ने व्यवसायिक शिक्षा के ऊपर काफी जोर दिया है यह बच्चों में उसके रचनात्मकता और संज्ञानात्मक था को बढ़ावा देता है वेबसाइट शिक्षा के तहत नई शिक्षा नीति में वोकेशनल कोर्स के माध्यम से कई तरह की दक्षता पुर शिक्षा जो किताबी ज्ञान ना होकर लर्निंग बाय डूइंग के मैसेज पर अधारित होगी और ऐसी शिक्षा बच्चों के लिए वर्तमान समय में बेहद ही जरूरी है आज अगर कोई देश विकसित है तो उसके पीछे उसकी वेबसाइट शिक्षा का बहुत बड़ा योगदान है जिसे डेनमार्क जर्मनी फ्रांस भारत भी विकासशील देश से विकसित देश की और बहुत तेजी से अग्रसर हो रहा है और आने वाले समय में भारत में वेबसाइट शिक्षा को लेकर अनेक परियोजनाएं विकसित होने वाली है जिसके लिए लोगों को फ्रेंड होना जरूरी है आचार्य शिक्षा काफी महत्वपूर्ण है
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