यह एक बहुत ही आसान और प्रभावी तरीका है। इसकी मदद से हम बच्चों में किसी भी विधा के प्रति जागरूकता उत्पन्न कर सकते हैं। साथ ही उस बिषय से संबंधित मूलभूत जानकारी जो कि उनके मुख्य पठन पाठन से संबंध रखता है उनको समझा सकते हैं।
खेल और खिलौने बच्चों को सबसे प्रिय होते हैं | यदि हम इसे अधिगम का साधन बना लें तो खिलौनों के उपयोग से किसी भी विषय को आनंदपूर्ण ढंग से सीखा जा सकता है | यह एक सरल व प्रभावी पद्धति है जो खेल-खेल में विद्यार्थियों के अधिगम में सहायक होती है | इससे विद्यार्थियों की रचनात्मकता, कल्पनाशीलता और सृजनात्मक क्षमता का विकास तो होगा ही, साथ में विविध विषयों से सम्बद्ध कर संबन्धित जानकारी प्राप्त करने में मदद मिलती है | खेल और खिलौने को आय के साधन से जोड़ने पर विद्यार्थियों में उत्सुकता बढ़ेगी | अधिगम बोझ नहीं प्रतीत होगा |
खेल और खिलौने बच्चों को सबसे प्रिय होते हैं |यह एक बहुत ही आसान और प्रभावी तरीका है। इसकी मदद से हम बच्चों में किसी भी विधा के प्रति जागरूकता उत्पन्न कर सकते हैं। साथ ही उस विषय से संबंधित मूलभूत जानकारी जो कि उनके मुख्य पठन - पाठन से संबंध रखता है उनको समझा सकते हैं।
ICT helps in making my class more engaging for my students. I am able to engage multi-sensors of learners. A variety of learning experience and contextual experience can be provided to children. ICT can make teaching - learning experience more effective.
खेल और खिलौने बच्चों को सबसे प्रिय होते हैं |यह एक बहुत ही आसान और प्रभावी तरीका है। इसकी मदद से हम बच्चों में किसी भी विधा के प्रति जागरूकता उत्पन्न कर सकते हैं। साथ ही उस विषय से संबंधित मूलभूत जानकारी जो कि उनके मुख्य पठन - पाठन से संबंध रखता है उनको समझा सकते हैं
यह एक बहुत ही आसान और प्रभावी तरीका है। इसकी मदद से हम बच्चों में किसी भी विधा के प्रति जागरूकता उत्पन्न कर सकते हैं। साथ ही उस बिषय से संबंधित मूलभूत जानकारी जो कि उनके मुख्य पठन पाठन से संबंध रखता है उनको समझा सकते हैं Gian chand
खिलौने अधिगम का रोचक माध्यम है। विद्यार्थी इस से बढ़ चढ़कर सीखते है। बतौर हिंदी शिक्षक कठपुतली बनाना, व्याकरण के लिए बोर्ड गेम्स का उपयोग आदि किया जा सकता है।
Bilkul Sahi baat h khilone sabhi ko priye hote h khilone k roop m humkoi model prastut krke us vastu ka khel khel m hi pura gyan pradan kr sakte h is prkar sikhna assan or rochak hota h student use kabhi bhulta bhi nahi h h
यह एक बहुत ही आसान और प्रभावी तरीका है। इसकी मदद से हम बच्चों में किसी भी विधा के प्रति जागरूकता उत्पन्न कर सकते हैं। साथ ही उस बिषय से संबंधित मूलभूत जानकारी जो कि उनके मुख्य पठन पाठन से संबंध रखता है उनको समझा सकते हैं।
खिलौने विद्यार्थी की सोच को मूर्तरूप देने का आधार है।इसे बनाने से पहले उसकी कल्पना करना,प्रक्रिया को अपनाना,फिर उसे मूर्त रूप देने में वह अपने विकासात्मक एवम रचनात्मकता को उजागर करता है।जिससे उसकी बुद्धिकौशल विकसित होती है।पुनः उसे विषयवस्तु के साथ जोड़कर सीखता है।
खेल और खिलौनों के माध्यम से किसी भी विषय में रोचकता के साथ बच्चों को बहुत कुछ सिखा सकते हैं जैसे मछली को देकर मछली से संबंधित जानकारियों पर चर्चा कर सकते हैं।उनके भोजन तैरना उसके समान पानी में रहने वाले अन्य जन्तु के बारें चर्चा कर बहुत सारी बातें बता सकतें हैं।
Identify any innovative practice being carried out in your state/UT/organisation that can act as an example or be a role model for other parts of the country. Share your reflections.
Considering your classroom practices, state three ways in which you conduct several assessment practices? Are these practices planned, designed and implemented by yourself or are these structured at different levels and assigned to you by the school authorities or board of education? Suppose you want to change these existing assessment strategies then suggest an alternative way you plan and implement on your own and it is not directed from the higher authorities.
खिलौनों के उपयोग से आप अपनी कक्षा को कैसे रोचक और आनंदमय बना सकते हैं?
ReplyDeleteयह एक बहुत ही आसान और प्रभावी तरीका है। इसकी मदद से हम बच्चों में किसी भी विधा के प्रति जागरूकता उत्पन्न कर सकते हैं। साथ ही उस बिषय से संबंधित मूलभूत जानकारी जो कि उनके मुख्य पठन पाठन से संबंध रखता है उनको समझा सकते हैं।
Deleterameshramesh
ReplyDeleteविद्यार्थी इस प्रकार वास्तविक ज्ञान अर्जन कर सकेंगे व उनकी रचनात्मकता व विचारशीलता में विकास होगा |
ReplyDeleteखेल और खिलौने बच्चों को सबसे प्रिय होते हैं | यदि हम इसे अधिगम का साधन बना लें तो खिलौनों के उपयोग से किसी भी विषय को आनंदपूर्ण ढंग से सीखा जा सकता है | यह एक सरल व प्रभावी पद्धति है जो खेल-खेल में विद्यार्थियों के अधिगम में सहायक होती है | इससे विद्यार्थियों की रचनात्मकता, कल्पनाशीलता और सृजनात्मक क्षमता का विकास तो होगा ही, साथ में विविध विषयों से सम्बद्ध कर संबन्धित जानकारी प्राप्त करने में मदद मिलती है | खेल और खिलौने को आय के साधन से जोड़ने पर विद्यार्थियों में उत्सुकता बढ़ेगी | अधिगम बोझ नहीं प्रतीत होगा |
ReplyDeleteखेल और खिलौने बच्चों को सबसे प्रिय होते हैं | खिलौनों के उपयोग से आप अपनी कक्षा को कैसे रोचक और आनंदमय बना सकते हैं?
ReplyDeleteखेल और खिलौने बच्चों को सबसे प्रिय होते हैं |यह एक बहुत ही आसान और प्रभावी तरीका है। इसकी मदद से हम बच्चों में किसी भी विधा के प्रति जागरूकता उत्पन्न कर सकते हैं। साथ ही उस विषय से संबंधित मूलभूत जानकारी जो कि उनके मुख्य पठन - पाठन से संबंध रखता है उनको समझा सकते हैं।
ReplyDeleteविद्यार्थी इस प्रकार वास्तविक ज्ञान अर्जन कर सकेंगे व उनकी रचनात्मकता व विचारशीलता में विकास होगा
ReplyDeleteखेल और खिलौने बच्चों को सबसे प्रिय होते हैं |यह एक बहुत ही आसान और प्रभावी तरीका है।
ReplyDeleteICT helps in making my class more engaging for my students. I am able to engage multi-sensors of learners. A variety of learning experience and contextual experience can be provided to children. ICT can make teaching - learning experience more effective.
ReplyDeleteखेल और खिलौने बच्चों को सबसे प्रिय होते हैं |यह एक बहुत ही आसान और प्रभावी तरीका है। इसकी मदद से हम बच्चों में किसी भी विधा के प्रति जागरूकता उत्पन्न कर सकते हैं। साथ ही उस विषय से संबंधित मूलभूत जानकारी जो कि उनके मुख्य पठन - पाठन से संबंध रखता है उनको समझा सकते हैं
ReplyDeleteयह एक बहुत ही आसान और प्रभावी तरीका है। इसकी मदद से हम बच्चों में किसी भी विधा के प्रति जागरूकता उत्पन्न कर सकते हैं। साथ ही उस बिषय से संबंधित मूलभूत जानकारी जो कि उनके मुख्य पठन पाठन से संबंध रखता है उनको समझा सकते हैं Gian chand
ReplyDeleteखिलौने अधिगम का रोचक माध्यम है। विद्यार्थी इस से बढ़ चढ़कर सीखते है। बतौर हिंदी शिक्षक कठपुतली बनाना, व्याकरण के लिए बोर्ड गेम्स का उपयोग आदि किया जा सकता है।
ReplyDeletelearning by doing is the best practice. We can develop better learning habits through toys. It is playful & joyful method .
ReplyDeleteBilkul Sahi baat h khilone sabhi ko priye hote h khilone k roop m humkoi model prastut krke us vastu ka khel khel m hi pura gyan pradan kr sakte h is prkar sikhna assan or rochak hota h
ReplyDeletestudent use kabhi bhulta bhi nahi h h
यह एक बहुत ही आसान और प्रभावी तरीका है। इसकी मदद से हम बच्चों में किसी भी विधा के प्रति जागरूकता उत्पन्न कर सकते हैं। साथ ही उस बिषय से संबंधित मूलभूत जानकारी जो कि उनके मुख्य पठन पाठन से संबंध रखता है उनको समझा सकते हैं।
ReplyDeleteविद्यार्थी इस प्रकार वास्तविक ज्ञान अर्जन कर सकेंगे व उनकी रचनात्मकता व विचारशीलता में विकास होगा |
ReplyDeleteखिलौने विद्यार्थी की सोच को मूर्तरूप देने का आधार है।इसे बनाने से पहले उसकी कल्पना करना,प्रक्रिया को अपनाना,फिर उसे मूर्त रूप देने में वह अपने विकासात्मक एवम रचनात्मकता को उजागर करता है।जिससे उसकी बुद्धिकौशल विकसित होती है।पुनः उसे विषयवस्तु के साथ जोड़कर सीखता है।
ReplyDeleteखेल और खिलौनों के माध्यम से किसी भी विषय में रोचकता के साथ बच्चों को बहुत कुछ सिखा सकते हैं जैसे मछली को देकर मछली से संबंधित जानकारियों पर चर्चा कर सकते हैं।उनके भोजन तैरना उसके समान पानी में रहने वाले अन्य जन्तु के बारें चर्चा कर बहुत सारी बातें बता सकतें हैं।
ReplyDeleteToys se
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